शिवभवानी है साईनाथ

ALL PATHS MEET AND END AT TRUTH. UNITY UNDERNEATH DIVERSITY. DISCOVER YOUR DIVINE SELF.EXPLORE ENLIGHTENMENT. PEACE AND HAPPINESS FOR ALL.सबका मालिक एक सोऽहं.

  • वासुदेव: सर्वम्
  • दशहरा
  • माँ
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  • नमाज
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  • बेटियों
  • शिवभवानी

शुक्रवार, 19 दिसंबर 2008

ShivaBhavani: Guru Paadukabhyam

ShivaBhavani: Guru Paadukabhyam
http://www.geocities.com/chelakkara_raja/gurub.htm
//duritaache timir jaavo / vishv svadharmasurye paaho//
Posted by Shrikant Pote at 4:55 am
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माता भगवतिके श्री चरणोंमें समर्पित

*

DEDICATED TO THE DIVINE LOTUS FEET OF MOTHER GODDESS BHAGAVATI


इश्वरसे अभिन्नता जीवका मूल धर्म है जो किसीभी तरीकेसे कभीभी बदलता नहीं. जैसे तरंग और समुन्दर कभी जुदा नहीं होते वैसेही जीव अपने परमात्म स्वरूपसे कभीभी जुदा नहीं होता. Being connected to the God is the religion of all, which can never be changed. The God is not separate and not distinct from his creation, just like a wave is not separate or distinct from the ocean.

GOD IS ONE names are infinite

RELIGION IS SINGLE
plenty are the forms

UNDERSTAND & KNOW
variety is superficial

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CAUSE

Explosion of human population is the basic cause of all problems on the earth.
Gentleman, prevent birth at perfect moment.
Society gains with your excellent deed.

हमारी बढ़ती हुई आबादी सारी मुश्किलोंकी जड़ हैं.
सही वक्तपर जिन्दगीको मुश्किलोंसे बचाना रहमतका काम हैं.


लोकसंख्या मर्यादित ठेवा, जग वाचवा.

www.bhookh.com

ॐ

अहं निर्विकल्पो निराकाररुपो
विभुर्व्याप्य
सर्वत्र सर्वेंद्रियाणाम्
सदा
मे समत्वं न मुक्तिर्न बन्ध:
चिदानंदरूप
: शिवोऽहम् शिवोऽहम्

ॐ


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  • Dnyaaneshwari and
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ॐ
ब्रह्मार्पणं ब्रह्म हविर्ब्रह्माग्नौ ब्रह्मणा हुतम् ।
ब्रह्मैव तेन गन्तव्यं ब्रह्मकर्मसमाधिना ।।
ॐ
अनपेक्ष: शुचिर्दक्ष उदासीनो गतव्यथ:
सर्वारम्भपरित्यागी यो मद्भक्त: स मे प्रिय:
ॐ
सर्वधर्मान्परित्यज्य मामेकं शरणं व्रज।
अहं त्वा सर्वपापेभ्यो मोक्षयिष्यामि मा शुच:।।
ॐ
सर्वेS त्र सुखिन: सन्तु सर्वे सन्तु निरामया:।
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चित् दु:खमाप्नुयात् ।।
श्री सद्गुरू साईनाथ ( शिर्डी ) महाराजके चरण कमलों पर सादर समर्पण