बुधवार, 15 फ़रवरी 2012

ख़ुशनसीबी





सब कुछ जिसे मिला है
कुछ और क्या वह मांगे
मेरा ख़ुशनसीब मुझको
यहाँ
खिंचकर है लाया


ऐसा ना कुछ किया था
क्यूँ लुटा रहे हो मुझपे
इस प्यारके मैं काबिल
कभी था नहीं खुदाया


अच्छा नहीं किसीका
कर पाया हूँ मैं अबतक
और करभी ना सकूँगा
मेरा कुछ
नहीं बचाया


तेरा रहम था जो मुझको
अबतक है तूने पाला
तेरा रहम मेरे साँई 
है नमक तेरा खाया


तुझे छोड़कर कहाँ मैं
दिन आखरी बिताऊँ
तुझ बिन ना जी सकूँगा
इतना तुझे बताया


अहसान ना किया था
मैंने कभी किसीपर

फ़जलो करम है तेरा 
तुझसे है क्या छुपाया



किरदार तू हमारे
अल्लाह निभा रहा है

यह जाना राज मैंने
तूने जो है बताया



मेरे आका मुझेही
तूने अल्लाह है बनाया
हर तरफ मेरे अल्लाह

तुझे सिर्फ मैंने पाया



सच्चिदानन्दाचा येळकोट
*
हरि ॐ तत्सत्
*


शनिवार, 4 फ़रवरी 2012

भरोसा



भरभरके देता खुदाही तुझे खुद
रोता क्यूँ रहता है बन्दे हमेशा
बेफिक्र होके खुशीसे जिये जा
चिंता तुझे क्युँ होती है सदा

चिंता तुझे क्यूँ रुलाती है ऐसे
मालिकपे तुझको भरोसा नहीं क्या
सुख लेना गुनाह नहीं मेरे प्यारे
करता तू क्यूँ शक खुदपे है सदा

मालिक की मेहेरबानी है पूरी
चिंता
तुझे छोड़ देनी है सारी
तेरी फ़िक्र वोही है करता हमेशा
जिसने तेरी बाँह थामी है सदा

उसके भरोसेपे छोड़ दे खुदको
जिसने तुझे
है भेजा यहाँ
वोही सोचता है अच्छा बुरा क्या
निगाह करम जिसकी तुझपे सदा

डर डरके जीना छोड़ दे बन्दे
अल्लाह तेरे साथ है
खुद सदा
ना करना ऐसी चिंता दुबारा
तेराही है जो तेरा है सदा

चन्दनकी खुशबू कोयलकी तान
सोनेको मिली तेरा क्या गया

अच्छाईका इनाम अच्छाही मिला है
तेराही था अल्लाह तेरा है सदा


*
हरि ॐ तत्सत्
*