शुक्रवार, 28 अगस्त 2015

ध्यान



अद्वैत सिद्धांत का मनन करते हुए सुखासन में शांत बैठो।  सोचना बंद करो और शान्तिका अनुभव करो। शरीरकी कोई हलचल ना हो।  पूरी शान्ति और आराम के साथ ध्यान हो। धीरे धीरे पलकें मूँद लो।आज्ञा चक्र या सहस्त्रारपर बिना किसी जोर जबरदस्तीके लक्ष्य केंद्रित करो। भगवन्नामका मनही मनमें गुंजन करो।  अन्य कोई कर्तव्य नहीं बचा है यह बात समझो।  शान्ति  शान्ति  शान्ति ।  आनंद  आनंद  आनंद ।  राम  राम  राम ।  
ॐ राम कृष्ण हरी ॐ