नमाज



भीग जाते दिल ये हैं

तेरे रहमसे जब खुदा

लफ्ज जो उस वक्त आते

पत्थरभी है पसीज जाते

घुटने जमिंपे टिकाते

तेरे आगे सर झुकाते

हम तेरा गुणगान करते

तेरी रहमत है सुनाते

क्या कहें उस हालमें हम

खुद हमारे नहीं रहते

परवरदिगार तेरी ये बातें

थकते नहीं हम कहते कहते

जिक्र तेरे नामका

मालिक हमारे हम जो सुनते

आँखोंसे आँसु छलकते

प्यारका इजहार करते

पालता जहाँको तू है

शुक्रिया हम तुझसे कहते