गुरुवार, 25 नवंबर 2010

कुर्बानी


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अहमियत मेरी नहीं है
बेटा तेरा राज है
तेरे सदके जान मेरी
तेरे सरपे ताज है

कामयाबी तेरी हो
मेरी खुदासे मिन्नतें
खुशियाँ तेरे पाँव चूमे
आरजू यह मेरी है

कुछभी मेरा हाल हो
तेरी दयापर जिंदगी
झोलीमें मुस्कान तेरी
डालता जा काफी है

तूही मेरी शान है
काबिलियत तुझसे मेरी
जीत ले हर बाजी रामा
जुस्तजू यह मेरी है

तू है सबकुछ मेरा रामा
तुझमें दिखता खुदा है
तुझको देखूँ उसको पाऊँ
चाहता अल्लाह यही है

खुश हूँ मैं तेरी खुशीमें
दावा मेरा यही है
प्यारमें सब पा लिया
कुर्बानी मेरी नहीं है



मंगलवार, 2 नवंबर 2010

दोस्त



बहुत गहरी बात है आवाज वह अन्दरकी थी

दिलकी नादानीको मेरे यूँही झुठलाना नहीं

प्यारकी परतोंके निचे जानका रिश्ता था वह
तड़पते दिलकी कशिश समझा तुम्हे सकता नहीं

दिलके तोड़े जानेके लाखों बहाने होते है
तुमने दिलको तोड़ा ऐसे बात अचरजकी नहीं

शिकवा गिला कोई नहीं होता है मुश्किल जोड़ना
नज़ाकतसे काम लेना दिल है यह पत्थर नहीं

तुम हमारे हम तुम्हारे दोस्ती महफूज है
वक्तने सबक दिया यह गलती दोहरानी नहीं

अल्लाहके करमसे हमको दोस्त कोई मिलता है
तरसना पड़ता है शायद याद तुमको कुछ नहीं

मैं तो मर चुका हूँ अब काफूर गमभी हो गया
मुँहपे मेरे ख़ाक है पर भूलना मुझको नहीं

मैं मिलूँ या ना मिलूँ यह मेरे हाथों में नहीं
प्यास मिलनेकी बहुत है पर इजाजत है नहीं

रामा




रामा
तुझ बिन कोई मेरा ना
हो रामा तुझ बिन कोई मेरा ना

तेरी कृपा बिन जग सब सूना
खुश होकर तू सब कुछ देना
पाकर तुझको धन्य मैं होना
तुझ बिन मैं कुछभी ना
हो रामा तुझ बिन कोई मेरा ना

रामा तेरा रूप सलोना
नाम तेराही मेरा खजाना
तू परब्रह्म है मुझमें बसा तू
तुझे जगतमें पाना
हो रामा तुझ बिन कोई मेरा ना

तू दाता वैराग्यभाग्यका
तूही दाता परमशान्तिका
तेरी ख़ुशीमें मैं खुश होना
तुझमें मेरा ठिकाना
हो रामा तुझ बिन कोई मेरा ना