शनिवार, 10 दिसंबर 2016

ईद मुबारक



दुनिया चाहती है ऐ खुदा 
कि मैं तेरा नाम भी ना लूँ मगर 
तू ही कह दे इस बेचैनी का 
सामना मैं करूँ कैसे 

कि मैंने इस दुनिया का 
साथ तो छोड़ दिया है अब 
तेरा दामन भी छोड़ दूँ 
तो जिऊँ कैसे 

कुछ काम करके नाम कमा लूँ 
यह तो मेरा रास्ता नहीं था कभी 
अब तेरे नाम का सहारा भी छोड़ दूँ 
तो ज़िंदा रहूँ कैसे 

***
इस आराम को क्या कहूँ 
जो तेरी पनाह में मिलता है 
इस सुकून को क्या कहूँ 
जो तेरे नाम में मिलता है 

तुझे छोड़ दूँ ऐ खुदा 
वह दिन कभी भी आये ना 
तेरे नाम में ना रमूं 
वह दिन कभी भी आये ना 

दुखोंसे भरी दुनिया यह 
कहती है के काम करो 
काम कितना आसान है
बात यह दुनिया जाने ना 

नाम में जीना खुशनुमा है 
काम की क्या औकात है 
मुश्कीलें चारों ओर घिरे 
फिर भी चैन की साँस है 


ईद मुबारक 


रविवार, 7 अगस्त 2016

यज्ञ




हमारा कर्म ऐसा यज्ञ है 

जिसमें यज्ञ करनेवाला भगवान है 

यज्ञके साधन अर्थात् चम्मच आदी भगवान है.. 

यज्ञमें डाली जानेवाली आहुती भगवान है . 

अग्नी भगवान है . 

यज्ञवेदी भगवान है. 

यज्ञका हेतु भगवान है ,

यज्ञका फलभी भगवान है . 

सब कुछ भगवान है . 

ऐसा यह भगवद्स्वरूप यज्ञकर्म 

अनादि ,अनंत , अकारण है .

भगवान आनंद है , शांति है

ॐ शांति: शांति: शांति:

ॐ आनंद आनंद आनंद



गुरुवार, 21 अप्रैल 2016

चाह



तेरे नाममें रमुं श्रीहरि 
और मैं कुछ ना चाहूँ 
राम राम मैं कहता जाऊँ 
और मैं तुझको पाऊँ 

तुझको पाकर धन्य हो जाऊँ 
भवसागर तर जाऊँ 
परमानन्द को प्राप्त करूँ 
और तेरा ही हो जाऊँ 

तेरे चरण की धूल मैं बनूँ 
सदासुखी हो जाऊँ 
शान्तिस्वरूपा प्रभु दयालु 
तेरी कृपा मैं पाऊँ 

जगतसे मेरा ध्यान हटे 
मैं नित्य तुझेही ध्याऊँ 
अनित्य है जो भासमात्र है 
उससे दूर हो जाऊँ 

ॐ 

  

शनिवार, 13 फ़रवरी 2016

करम



गम जो उजागर कर दिया 
मैंने तुझसे बिछड़नेका 
कभी जुदाई ना थी ऐसा 
अपना बनाके रक्खा है 

दुनियाको अता पता नहीं 
मेरी महफ़िल-ए-यार का 
अल्लाह का करम मुझपे है 
रूबरू बनाके रक्खा है 

मौला तेरे इश्क़में 
दिवानगीसे दूर हुवा 
वरना दुनियादारीने
पागल बनाके रक्खा है 

तूही जाने ऐसा करम 
   क्यों है मुझपे ऐ खुदा
तूने मुझे हमेशासे 
प्यारा बनाके रक्खा है 

किसीके पास नजर नहीं 
किसीके पास नज़रिया नहीं 
इन लोगोंको कुदरतनेही 
अंधा बनाके रक्खा है 

खुदाया तेरी रहमतको
मैं बयाँ कैसे करूँ 
तूने मेरी जिन्दगीको 
गुलशन बनाके रक्खा है 

७८६