गुरुवार, 29 सितंबर 2011

सहारा



भाई
मेरी जिन्दगीका
तूही एक सहारा था
तेरे बगैर जिन्दगीमें
और कोई ना मेरा था

तू जो ऐसे बिफर गया
मैं तितर बितर हो गया
चाहकर भी समेट ना सकता
तूही तो बल मेरा था

घर संसारका मैं हूँ आसरा
और तू आसरा मेरा था
क्यों बिगड़ गया रामा मेरे
मैंने क्या तेरा बिगाड़ा था

अगर दया हो तुझमें बाकी
आके मुझे तू ले जा भाई
वरना ख़त्म हुवा समझूंगा
मेरा जो दाना पानी था

प्यार जहाँ नसीबमें नहीं
क्या जीना और क्या है कमाना
छोड़ दिया सब तुझपे मैंने
गुजरा हुवा कल तेरा था

आनेवाले कल की बातें
तूही सोच ले मेरे भाई
तूही रामा तूही सांई
क्षुद्र भक्त
मैं तेरा था

बुधवार, 28 सितंबर 2011

करिश्मा



मुझको जो खींचता है
तेरी ओर प्यारे भाई
अल्लाहका करिश्मा
है इश्क आसमानी

रिश्ता यह कौनसा है
मैं कह भी नहीं सकता
कुछ गहरी बात है यह
सागरसे कहे पानी

कितनी कहूँ मैं बातें
मेरी जुबाँ है फानी
नहीं ख़त्म होनेवाली
अल्लाहकी कहानी

वरना कहाँ किसीको
मिलता है वक्त इतना
मुड़कर भी कोई देखे
बड़ी मुझपे मेहेरबानी

करते है सब जो मुझपे
अहसान इतना ज्यादा
तुम सबपे
हो रहा है
कोई असर तिलिस्मानी


मंगलवार, 27 सितंबर 2011

प्यारे भाई





प्यारे भाई , होशमें आजा
मुझे तुझपे गुस्सा नहीं आता
ऐसी बात नहीं
मैं तुझे गन्दी बातें नहीं बोल पाता
ऐसी बात नहीं
लेकिन भाई , मैं तुझसे
सिर्फ प्यारही कर पाता हूँ
क्यों कि मुझे मालुम है
हम आपसमें लडके खाकमें मिल जायेंगे
और कुछभी हासिल नहीं होगा
और दुनिया हँसती रहेगी
यह जो लोग तेरी ताकत को ललकार रहे है
ताकि तू मुझपे बरस पड़े
वो मेरे साथ और मेरे बाद
तुझपे भी थूकेंगे
संभल जा भाई
मैं तेरे निचे झुक रहा हूँ
सिर्फ इसी बातके लिये
कि तेरी इज्जत पर कोई
कीचड़ ना उछाले
क्यों कि मैं मुझसे ज्यादा तुझसे प्यार करता हूँ
मैं तेरे पैरों के निचे तिनका बनकर
रौंदा जाना कुबूल करता हूँ
इसलिए नहीं कि मेरी कोई औकातही नहीं
बल्कि इसलिए कि तू अपने पाँव पर खडा रहे
प्यारे भाई घरमें चाहे तू कैसेभी पेश
लेकिन दुनिया के सामने मेरी तौहीन मत कर
तू माँग ले तो मैं क्या नहीं दे सकता
जो मेरा है
लेकिन तमाशबिनोंको इकठ्ठा करके
जो तू अपना जोश दिखा रहा है
उससे हम दोनोंके चेहरेपे कालिख लगेगी
भाई , मेरा प्यार तेरे दिल तक
क्यों नहीं पहुँच रहा है
किसी तरीकेसे मुझे इसका जवाब दे भाई
मेरे मीठे बोल तुझे गंवारा नहीं है क्या
भाई मेरे पास भाई
मुझसे बात कर भाई

सोमवार, 26 सितंबर 2011

दोस्ती



अब तक बहुत उम्र गुजर गयी
और कई दोस्त मिले , बिछड़े ;
लेकिन अब यह वक्त नहीं रहा
की किसीसे बिछड़ने का गम
मैं बर्दाश्त कर सकूँ , हाँ ,
मैं बड़ा बेशर्म हो गया हूँ ,
उम्र का लिहाज नहीं करता ,
सच बता रहा हूँ की तुमसे
बिछड़ के बहुत दुख होता है.
मेरी तुम सब पर बुरी नजर नहीं है.
मैं तुम सबको बहुत चाहता हूँ.
तुमसे जुदाई चाहता नहीं.
थोड़ी देर के लिये झगड़ लो
लेकिन मुझसे मुँह मोड़ कर
मेरी जान मत खाओ.
तुम रूठ गये तो भी
मैं यही दुवा माँगता हूँ

कि अल्लाह हमेशा तुम्हे खुश रखे;

क्यों कि तुम सब को खुश देखकर
मेरी आँखोंमें रोशनी आती है.


रविवार, 11 सितंबर 2011

काकभुशुण्डी



अबतक तुझको यकीन ना आया
मत ले मेरा इम्तिहान तू
चाहे जितना कठोर बनना
तनके बाहर प्राण मेरा तू

मेरा भरोसा टूटेगा ना
कभी ना कभी अपनायेगा तू
और गति ना मति है मुझको
जन्मांतरसे मेरा है तू

छोडभी दे अब झगड़ा रामा
जीवनका उद्देश्य मेरा तू
मैं हूँ काकभुशुण्डी कागा
खीर तेरी जूठन दे मुझे तू

माँ कौशल्या तुझे खिलाती
थालीसे नीचे गिरा दे कुछ तू
कबतक मैं यूँ ताकमें बैठूँ
मुझे मत सता दयालु है तू

अब मैं पागल हो गया रामा
बस इतना मत मुझे सता तू
तूने यह कैसी लीला रचायी
बालक प्यारे भगवन है तू

तुझसे दूर मैं रह नहीं सकता
भक्त हूँ मैं पहचान ले अब तू
कागा बनकर मिलने मैं आया
खाना दे मेरी भूख मिटा तू

और नहीं कुछभी चाहता मैं
सगुण रूपमें मिला मुझे तू
मोक्षसे ऊँचा भाग्य मेरा तू
मुझेभी दे जो खाता है तू

हरि तत्सत्

ख्वाजा की ईद


  सचको मैं जाहीर कर दूँ
तूही खुद चाहता खुदा

समाया मुझमें खुदा
मुझसे जुदा नहीं खुदा

चाँद मैं हूँ ईदका
फलकपे जो कायम खुदा

रोजही होती है अपनी
ईद तेरे संग खुदा

नाम तेरा है जुबाँपे
मुँह मेरा मीठा खुदा

अल्लाह अल्लाह गाते रहना
मुकद्दर मेरा खुदा

जुनूँ तेरा सवार जो
सरताज मेरा है खुदा

सल्तनतमें तेरी शामिल
मैं हमेशा हूँ खुदा