शनिवार, 20 अगस्त 2011

रिश्ता



इंसान अकेला आता है
अकेला जाता है
जिंदगीभर अकेला रहता है
ऐसा मत सोचो
मैं तुम्हारा अपना हूँ
यह साबित करनेके लिए
सबुतोंकी जरुरत नहीं
इसपर यकीन करो
ताकि हमारी जिंदगियां
रोशन हो जाए
मैं शायद तुम्हारे लिए
कुछ भी ना कर सकूँ
और तुम शायद मेरे
किसीभी काम ना आओ
पर हमें इत्मीनान होगा
की हमारा कोई है
ज़िंदा रहनेके लिए
यह भरोसा काफी है
क्योंकि जिंदगी प्यार है
ज़रा गहरी बात है
लेकिन यही सच है

गुरुवार, 18 अगस्त 2011

अहिंसक क्रान्ति

















मैं
रहूँ ना रहूँ लेकिन
जोश होना चाहिए
जोश होना किसलिए
यह होश होना चाहिए

मुझे गर्व है तुमपर बच्चों
भर आया है सीना मेरा
इसी दिन के लिए ही मैंने
प्राण धारण किया था मेरा

और कई सदियोंके आगे
जा पहुँची है नजर मेरी
सबके सुखकी मनोकामना
अवश्य हो जायेगी पूरी

जिंदगियाँ
बहुत है गुजरी
काम करता आया यूँही
छोटी लड़ाई हार भी गया
लंबी लड़ाई जीत ली यूँही

जब कमजोरी हदसे गुजरती
वही है ताकत अपनी बनती
हार रोजमर्राकी अपनी
तख़्त उथलपुथल कर देती

बहुत सालोंके बाद है आया
याद रखो यह दिन है प्यारा
इतिहास को उजागर करता
अहिंसाका उज्जवल यह नारा

जय हिंद
*


बुधवार, 10 अगस्त 2011

नाचीज





जुबान मेरी है अल्फाज तेरे

खाविंद मेरे मैं बन्दा तेरा

मुझपरभी नहीं रहा जोर मेरा

परवरदिगार मुझपे अहसान तेरा


*

औकात मेरी नहीं कुछ खुदाया

तूने दिया सब तेरा शुक्रिया

आका मेरे तूने जो कुछ सुनाया

तेरी कसम मैंने वह गीत गाया


*

नाचीज कुछ और चाहता नहीं है

तेरा नाम लेता मैं काफी यही है

आगे तेरी मर्जी सर यह झुकाया है

नहीं सोचता मैं तेरी मंशा क्या है


*


तुझसे जुदा मेरी हस्ती नहीं

वजूद मेरा अलग कुछ नहीं

इक तू है अल्लाह मैं कुछभी नहीं

तेरा है सब कुछ मेरा कुछ नहीं


माता च पार्वती देवी पिता देवो महेश्वर:

बान्धवा: शिवभक्ताश्च स्वदेशो भुवनत्रयम्



रविवार, 7 अगस्त 2011

सागर





आना नहीं जाना नहीं,
जहाँ तू है तू वहीँ, बस !
सागर तू है, पानी तेरी आत्मा.

लेना नहीं देना नहीं,
पानीमें पानी मिले, बस !
सागर तू है, पानी तेरी आत्मा.

ऊपर दिखे योगमाया तेरी,
अन्दर तू शांत रहे, बस !
सागर तू है, पानी तेरी आत्मा.

पहचान तू गहराईसे,
खुदको लहर मत समझ, बस !
सागर तू है, पानी तेरी आत्मा.

अनित्यता सतहपे है,
शाश्वत है अन्दर तू देख, बस !
सागर तू है, पानी तेरी आत्मा.

मुझसे
जुडा हमेशा मेरा,
अनादी अनंत है हम, बस !
सागर तू है, पानी तेरी आत्मा.