रविवार, 7 अगस्त 2016

यज्ञ




हमारा कर्म ऐसा यज्ञ है 

जिसमें यज्ञ करनेवाला भगवान है 

यज्ञके साधन अर्थात् चम्मच आदी भगवान है.. 

यज्ञमें डाली जानेवाली आहुती भगवान है . 

अग्नी भगवान है . 

यज्ञवेदी भगवान है. 

यज्ञका हेतु भगवान है ,

यज्ञका फलभी भगवान है . 

सब कुछ भगवान है . 

ऐसा यह भगवद्स्वरूप यज्ञकर्म 

अनादि ,अनंत , अकारण है .

भगवान आनंद है , शांति है

ॐ शांति: शांति: शांति:

ॐ आनंद आनंद आनंद