शनिवार, 23 नवंबर 2013

रखवाला




राम तुझे उबारेगा 
दिल क्यूँ डूब जाता है 
ना जाने किस संकट का 
डर तुझे यूँ रहता है 

किस बातकी व्यथा अभी 
प्यारे तुझे सताती है 
राम नाम तू लेता जा 
देखते जा क्या होता है 

राम निवाला देता है 
तुही खुद क्यूँ मुकरता है 
दुनियादारी की बातोंमें 
प्यारे तू क्यूँ आता है 

रामजी के हवाले अब 
सारी जिंदगी गुजारनी है 
कभी भूलना मत प्यारे 
रामभरोसे रहना है 

इतना याद रख प्यारे तू 
राम तेरा रखवाला है 
चिंता नहीं सतायेगी 
पार हुवा बस बेड़ा है 

रामजीके राज्यमें 
आनंद ही आनंद है 
चिंता व्यथा संकट सभी 
दूर भाग जाते है

 ज्ञान का उदय होता है 
अज्ञान अन्धेरा मिटता है 
सब तरफ राम है 
यही बोध होता है 

ॐ