राम तुझे उबारेगा
दिल क्यूँ डूब जाता है
ना जाने किस संकट का
डर तुझे यूँ रहता है
किस बातकी व्यथा अभी
प्यारे तुझे सताती है
राम नाम तू लेता जा
देखते जा क्या होता है
राम निवाला देता है
तुही खुद क्यूँ मुकरता है
दुनियादारी की बातोंमें
प्यारे तू क्यूँ आता है
रामजी के हवाले अब
सारी जिंदगी गुजारनी है
कभी भूलना मत प्यारे
रामभरोसे रहना है
इतना याद रख प्यारे तू
राम तेरा रखवाला है
चिंता नहीं सतायेगी
पार हुवा बस बेड़ा है
रामजीके राज्यमें
आनंद ही आनंद है
चिंता व्यथा संकट सभी
दूर भाग जाते है
ज्ञान का उदय होता है
अज्ञान अन्धेरा मिटता है
सब तरफ राम है
यही बोध होता है
ॐ
आनंद ही आनंद है
चिंता व्यथा संकट सभी
दूर भाग जाते है
ज्ञान का उदय होता है
अज्ञान अन्धेरा मिटता है
सब तरफ राम है
यही बोध होता है
ॐ