तेरे मीठे नामसे
आती है नशा
कर्तव्य कर्म सभी
पीछे छुट जाय
क्या करूँ और कुछ
सूझे नहीं मुझे
घोर चिंता आसपास
फटकने ना पाय
तेरा नाम लेकर
खाता हूँ मैं रोटी
जितना तू देता है
वोही काफी हो जाय
सर्वव्यापी रामा मुझे
इतना सुख तू देता है
इतना सुख तू देता है
तेरा नाम लेकर मेरा
मन भर जाय
भगवन्नामके रसको
पीते जाओ प्यारों
कोई बाधा कभी ना
आकर तुम्हे सताय
आतंक तो सभीका
दुश्मन है साथीयों
खुदका और दुजेका
सुख चैन लिये जाय
आतंकसे करो तौबा
नाम लो अल्लाहका
वोही हमको उबारेगा
और ना कोई उपाय
इब्लीसकी बातोंमें
मत फँसो यारों
आतंक तो जुर्म है
दुख देता जाय
तुम सभी मेरे
जिगरके टुकड़े हो
बिना किसी मकसदके
जान ना चली जाय
ख्वामख्वाह मत मरो
लाडले बच्चों मेरे
रोब और पैसोंसे
इज्जत चली जाय
पैसोंसे सुकून जाय
आतंकसे अमन जाय
सिर्फ अल्लाहके नामसे
ख़ुशी मिल जाय