रविवार, 14 अक्तूबर 2007

देन

बात करनेसे बात ना बने है
प्यारसे उमंग बढायेंगे
बात करनेसे बात सिर्फ बढ़े
हमें तो दिलोंमें पहुंचना है
जुबाँने हमारा साथ छोड़ दिया
जारी रहे लेकिन वार्तालाप
चाँद बोलता है , झरना बोलता है
मुझे कुछ देना है सबको
अगर सारे अंधे हो भी जाये तो
चान्दनीकी वर्षा जारी रहेगी
पानीका बहाव जारीही रहेगा
जबतक ये झरना जिन्दा है
किसी प्यासेको हमारा पता
मिले ना मिले खुदाकी मर्जी
बरसातमें झरना उमडही पङता है
पुनममें चाँद खिलही उठता है
यहतो खुदाकी देन है प्यारों
बंदोंपर असर पडे ना पडे