सोमवार, 23 फ़रवरी 2009

शुक्रिया

//दुरिताचे तिमिर जावो / विश्व स्वधर्मसुर्ये पाहो //


खुदा तू हर किसीके इतने करीब रहता है
कहींभी मैं देखूँ मुझे तू ही नजर आता है
तू है वजह बच्चोंकी मीठी मुसकानकी
तू है वजह औरतके दिलमें बसे दुलारकी
तेराही रहम है जो दोस्त हमें मिलते है
तेराही रहम है जो जिंदा हम रहते हैं
आँखें मूँद लेता हूँ ,तू दिलमें बसा होता हैं
लोगोंकी बातोंमें फ़र्मान तेरा होता हैं
शुक्रिया अल्लाह मुझे ऐसी नजर देनेका
अहसासभी नहीं होता कभी तुझसे जुदा होनेका

रविवार, 22 फ़रवरी 2009

साथ

//दुरिताचे तिमिर जावो / विश्व स्वधर्मसुर्ये पाहो //



एक तेरे सुरमें मुझे शांत शांत गाना है
तुझमें था ,तुझमें हूँ ,तुझमें खो जाना है
ना कुछ कमाना है ,ना कुछ गँवाना है
ना आना जाना है ,तेराही ठिकाना है
सूखे पत्ते हैं ये कर्म, उड़के जाते हैं
लिखा नहीं कुछ उनपे ,तेरा नाम लेना है
तेरा नाम ,तेरा ध्यान ,पूँजी इस जीवनकी
तेरा साथ याद रहे ,बाकी भूल जाना है



गुरुवार, 12 फ़रवरी 2009

वतन

//दुरिताचे तिमिर जावो / विश्व स्वधर्मसुर्ये पाहो //


जन्मोजन्मी तुझी /करावी चाकरी/
तू द्यावी भाकरी /पांडुरंगा//१//

साडे तीन हात /आमचे वतन /
करावे जतन /तुझे तूच //२//

बोलविता तूच /आम्ही बरळावे /
तूच पाठवावे /गावोगावी //३//

गोड तुझे रूप /आम्ही आठवावे /
म्हणुन दिसावे /जागोजागी //४//

नारायणा तुज /कसली ही हाव /
आम्हा किती जीव /लावतोस //५//