गुरुवार, 8 अप्रैल 2010

चैतन्य


I am immersed in my divine being.No question of strong & weak.No question of up or down.No question of disturbing.My happiness is eternal.



दुनियासे परे हो गया मैं प्यारे
हालचाल क्या सुनाऊं

सभी जो अपने हो गए हैं यारों
ख़ुशी मैं कैसे छुपाऊं

क्या जीतुं क्या हारूं भगवन
सभीमें तुझको पाऊं

हो गया मैं निहाल खुदाया
तेरेही गुण गाऊं

तेरी कृपासे सराबोर मैं
सबको गले लगाऊं

सभीमें तेरे दर्शन पाऊं
और गदगद हो जाऊं