ALL PATHS MEET AND END AT TRUTH. UNITY UNDERNEATH DIVERSITY. DISCOVER YOUR DIVINE SELF.EXPLORE ENLIGHTENMENT. PEACE AND HAPPINESS FOR ALL.सबका मालिक एक सोऽहं.
साथ छोड़ दे अपना मेरा तन बैरी चंचल भटका जाए मेरा मन बैरी दिलकी बात न समझे मेरा जग बैरी कैसे मिलन हो परमात्मासे समझ न पाऊँ मैं बैरी कुछ तो करो उपाय सतगुरु तुम ना बैरी सब बैरी सबको छोडके रंक बना अब तुम भी तो ना बनो बैरी