बहुत गहरी बात है आवाज वह अन्दरकी थी
दिलकी नादानीको मेरे यूँही झुठलाना नहीं
प्यारकी परतोंके निचे जानका रिश्ता था वह
तड़पते दिलकी कशिश समझा तुम्हे सकता नहीं
दिलके तोड़े जानेके लाखों बहाने होते है
तुमने दिलको तोड़ा ऐसे बात अचरजकी नहीं
शिकवा गिला कोई नहीं होता है मुश्किल जोड़ना
नज़ाकतसे काम लेना दिल है यह पत्थर नहीं
तुम हमारे हम तुम्हारे दोस्ती महफूज है
वक्तने सबक दिया यह गलती दोहरानी नहीं
अल्लाहके करमसे हमको दोस्त कोई मिलता है
तरसना पड़ता है शायद याद तुमको कुछ नहीं
मैं तो मर चुका हूँ अब काफूर गमभी हो गया
मुँहपे मेरे ख़ाक है पर भूलना मुझको नहीं
मैं मिलूँ या ना मिलूँ यह मेरे हाथों में नहीं
प्यास मिलनेकी बहुत है पर इजाजत है नहीं