मैं रहूँ ना रहूँ लेकिन
जोश होना चाहिए
जोश होना किसलिए
यह होश होना चाहिए
मुझे गर्व है तुमपर बच्चों
भर आया है सीना मेरा
इसी दिन के लिए ही मैंने
प्राण धारण किया था मेरा
और कई सदियोंके आगे
जा पहुँची है नजर मेरी
सबके सुखकी मनोकामना
अवश्य हो जायेगी पूरी
जिंदगियाँ बहुत है गुजरी
काम करता आया यूँही
छोटी लड़ाई हार भी गया
लंबी लड़ाई जीत ली यूँही
जब कमजोरी हदसे गुजरती
वही है ताकत अपनी बनती
हार रोजमर्राकी अपनी
तख़्त उथलपुथल कर देती
बहुत सालोंके बाद है आया
याद रखो यह दिन है प्यारा
इतिहास को उजागर करता
अहिंसाका उज्जवल यह नारा
जय हिंद
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