दुवा कर रहा हूँ मैं अब इतने पास आ जाएँ हम
के कयामतभी जुदा ना कर सके हमको कभी
अबभी दिलमें दाग है जो जलते हैं कभी कभी
दिलमें पड़ती है दरारें याद आते है वो दिन
काम क्या उन मजहबोंका जो जहर भर दे दिलोंमें
आदमीसे तोड़ता है रिश्ता जो इन्सानियतका
बोझ भारी है दिलोंपे कोई चकनाचूर कर दो
है वफा की प्यास उभरी थोडा दिलमें प्यार भर दो
थोडी खुलके साँस लेनेको तड़पता है यह दिल
बस भी कर दो कारोबार यह नफरतोंको बेचनेका
और कुछ ना जानता हूँ ना मैं पढ़ता कुछ अभी
प्यारही है नाम अल्लाहका न मुझको खौफ है
के कयामतभी जुदा ना कर सके हमको कभी
अबभी दिलमें दाग है जो जलते हैं कभी कभी
दिलमें पड़ती है दरारें याद आते है वो दिन
काम क्या उन मजहबोंका जो जहर भर दे दिलोंमें
आदमीसे तोड़ता है रिश्ता जो इन्सानियतका
बोझ भारी है दिलोंपे कोई चकनाचूर कर दो
है वफा की प्यास उभरी थोडा दिलमें प्यार भर दो
थोडी खुलके साँस लेनेको तड़पता है यह दिल
बस भी कर दो कारोबार यह नफरतोंको बेचनेका
और कुछ ना जानता हूँ ना मैं पढ़ता कुछ अभी
प्यारही है नाम अल्लाहका न मुझको खौफ है