सोमवार, 2 अगस्त 2010

तू मेरा है



तूही मेरा जीवन है भगवन
जाने क्यूँ अनजान बना है
रामा तूही मेरा सहारा
मुझे डूबता क्यूँ छोड़ा है

तेरी खुशीसे मैं खिलता हूँ
तू रूठे तो मुरझाता हूँ
पीठ फेर ली मुझसे तूने
तो मैं पागल हो जाता हूँ

मेरा घर संसार चलाता
तूही मेरा स्वामी है दाता
क्यूँ तू मुझसे दूर है रहता
तू तो है सबको अपनाता

अपना बना ले मुझे बचा ले
कितना मुझको तड़पाता है
मैं तेरा हूँ कुछ तो दया कर
तू मेरा है तू मेरा है