सोमवार, 18 अक्तूबर 2010

साथ




मेरी इच्छा कुछ नहीं रामा
तेरी मर्जी प्यारी मुझको

तूही देह है तूही चेतना
तेरे हाथों सौंपा खुदको

सुखदुख सबकुछ तू पायेगा
तेरा है अर्पण किया है तुझको

तूही हमेशा दिखे हर तरफ
ऐसी दृष्टि दे तू मुझको

और तमन्ना कुछ नहीं मेरी
रखे हमेशा साथ तू मुझको

सबकुछ त्यागके तेरी कृपासे
मिला मोक्षधन अब यह मुझको

रामनामका बजाऊँ डंका
रामबिना सुध हो न किसीको

मैं भी राम हूँ तू भी राम है
सभी राम है बताऊँ सबको

सकल चराचर तू है रामा
रामही मिलता रहे रामको