मेरी इच्छा कुछ नहीं रामा
तेरी मर्जी प्यारी मुझको
तूही देह है तूही चेतना
तेरे हाथों सौंपा खुदको
सुखदुख सबकुछ तू पायेगा
तेरा है अर्पण किया है तुझको
तूही हमेशा दिखे हर तरफ
ऐसी दृष्टि दे तू मुझको
और तमन्ना कुछ नहीं मेरी
रखे हमेशा साथ तू मुझको
सबकुछ त्यागके तेरी कृपासे
मिला मोक्षधन अब यह मुझको
रामनामका बजाऊँ डंका
रामबिना सुध हो न किसीको
मैं भी राम हूँ तू भी राम है
सभी राम है बताऊँ सबको
सकल चराचर तू है रामा
रामही मिलता रहे रामको