मंगलवार, 28 दिसंबर 2010

प्यारे रामा



रामा अब यह जीवन तेरा
तू स्वामी मेरा
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दुनियासे मैंने मुँह फेरा
तेरे बिना अब कोई न मेरा
एक तेराही सहारा
रामा तू स्वामी मेरा
.
जो कुछ करूँ तुझे है अर्पण
तेरेलिये मेरा तन मन धन
तुही सबसे प्यारा
रामा तू स्वामी मेरा
.
तू जो चाहे वोही मैं करूँ
तुझेही देखूँ तुझे निहारूँ
तूने मुझे सँवारा
रामा तू स्वामी मेरा
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रामा तू मेरा है खजाना
तेरे नामका रस है पीना
तुझमें है सुख सारा
रामा तू स्वामी मेरा
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पुढती अस्तवेना ऐसे । जया पाहले अद्वैतदिवसे ।
मग आपणपांचि आपण असे । अखंडित । ।
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गुरुवार, 23 दिसंबर 2010

Charta Sooraj ( Original n Full ) -Great Qwwali by Aziz Naza



Click on the above title and get sweet names of Allah. All of these names are applicable to God or Bhagavan Parabrhma { Shiva or Narayana } as well.
God is one.
Only discipline { karmakanda } differs, all of us worship the same God.We are one.
This song gives precious guideline for all of us.
The essence of this song is that we should not concentrate our attention on the material aspect of the world; instead of it, worship of the God is our prime necessity of life.
Merry Christmas
Happy New Year

रविवार, 19 दिसंबर 2010

इन्साफ



प्यारमें मश्गुल तेरे
मैं आया हूँ दहलीजपे
तू नहीं ठुकराएगा
दिलमें मेरे ऐतबार है

जिस्म मेरी खोखली है
नमाज करूँ ना करूँ
ऊँचे उन जजबातोंका
यह तो महज इजहार है

पाँचकी क्या बात है
हर वक्त तेरा साथ है
तेरे सिवाय कुछ और अब
आता नहीं जहनमें है

खुदाया मन्शा तेरी है
मैं दिलोंको जोड़ दूँ
मुझको इस काबिल समझता
यह तेरा इन्साफ है

तेरी खिदमत करूँ अल्लाह
और कुछ मैं ना करूँ
बंदगीही तेरी अब
इस जिन्दगीका फर्ज है
.
सुनके तानें लोगोंकी जब
चाहा कागज़ फाड़ दूँ
खुदानेही रोका उसपे
नाम जो खुदाका है

क्या करूँ मैं अब खुदाया

सह नहीं सकता हूँ मैं

क्या दिया यह काम मुझको

क्या रहम तेरा यह है

मेरी चाहत कुछ नहीं है

तू चलाता मैं चलूँ

तेरी है आवाज अल्लाह

क्या मेरी जुर्रत यह है

मैं बना मायूस जब तो

खुदानेही कहा मुझको

मैं हूँ लोगोंके लिये

ओर लोगभी ये मेरे है


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हे विश्वची माझे घर । ऐसी मति जयाची स्थिर ।
किंबहुना चराचर । आपण झाला ।।

शनिवार, 18 दिसंबर 2010

कैफियत


हाल ना जाने हमारा
क्यूँ खुदा तुझको कहें हम
और कोई है हमारा
तेरे सिवाय कह दे खुदा
.
दहशतोंके काले साये
मुल्कपर मँडराते हैं
घुमते सडकोंपे कातिल
खौफ छाया है खुदा
.
अपना कोई ना रहा
गैर सभी लगते हमें
दर्दे दिल किसको बताएँ
तूही कह दे ऐ खुदा

बेनामीमें जीते थे
मंजूर था अकेलापन
कमसे कम तू है हमारा
था भरोसा ऐ खुदा

क्या कहर हमने है ढाया
जुल्म क्या हमने किया
चाहा तुझको चाहेंगे हम
यूँ खफा मत हो खुदा

प्यारके प्यासे हैं हम
अल्लाह तू हम सबका है
हैं तेरे खिदमतगार हम
सबमें तू बसता खुदा
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तू हमारा हम हैं तेरे
मालिक तेरे बन्दे हैं हम
इबादत कुबूल कर ले
चैनो अमन दे दे खुदा


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ॐ श्री साईनाथाय नम:
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शुक्रवार, 17 दिसंबर 2010

अनकही



तू मजारमें है जो सोता

मेरी आँखोंसे तू रोता

बाबा ऐसा क्यूँ है होता

मेरा तुझसे क्या है रिश्ता

मुझको तू क्यूँ है बुलाता

पाना तो मैं कुछ न चाहता

तेरी ओर मैं खींचा आता

मुझको तो कुछ न समझता

मुझसे तू है क्या कराता

क्या जताता क्या बताता

मुझको मिलकर खुश तू होता

दुनियादारीको भुलाता

अनकही किसको मैं कहता

लफ्ज कैसे ढूंढ़ लाता

बिन सुने सबकुछ समझता

जिस्मसे ऊपर मैं उठता

कैसे तू करीब लाता

कोशिश मेरी नाकाम करता

तेरा असर मुझपे है छाता

मुझको तू अपना बनाता

खुदाभी मेरा हो जाता

मेरा वजूद बाकी न बचता

मैं खो जाता तुही रहता

रिवाजोंको तोड़ देता

सिर्फ इक मकसदको पाता

अल्लाह ईश्वर सबका दाता

मुझको तू उसमें मिलाता


मुहर्रम गीताजयंती