शनिवार, 18 दिसंबर 2010

कैफियत


हाल ना जाने हमारा
क्यूँ खुदा तुझको कहें हम
और कोई है हमारा
तेरे सिवाय कह दे खुदा
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दहशतोंके काले साये
मुल्कपर मँडराते हैं
घुमते सडकोंपे कातिल
खौफ छाया है खुदा
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अपना कोई ना रहा
गैर सभी लगते हमें
दर्दे दिल किसको बताएँ
तूही कह दे ऐ खुदा

बेनामीमें जीते थे
मंजूर था अकेलापन
कमसे कम तू है हमारा
था भरोसा ऐ खुदा

क्या कहर हमने है ढाया
जुल्म क्या हमने किया
चाहा तुझको चाहेंगे हम
यूँ खफा मत हो खुदा

प्यारके प्यासे हैं हम
अल्लाह तू हम सबका है
हैं तेरे खिदमतगार हम
सबमें तू बसता खुदा
.
तू हमारा हम हैं तेरे
मालिक तेरे बन्दे हैं हम
इबादत कुबूल कर ले
चैनो अमन दे दे खुदा


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ॐ श्री साईनाथाय नम:
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