शनिवार, 19 फ़रवरी 2011

बेटियों


सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके
शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते

तत्त्वमसि

मेरी प्यारी बेटियों

तुम सच्चिदानंद परमात्मा हो

खुदको किसीभी हालतमें

असहाय और कमजोर मत समझो

तुम कभीभी कलंकित हो नहीं सकती

क्योंकि तुम परब्रह्म हो

जो हमेशा पूर्ण होता है

उसका कोई अंश विलग नहीं होता

तुम्हारे लिंग, वर्ण, धर्मपंथ
.
या और किसी बातपर

तुम्हारा परब्रह्म स्वरूप
.
मैला नहीं हो सकता

बात सिर्फ अपने आपको
.
पहचाननेकी है

मेरी राहपर जोभी आगे बढती है
.
वो बेशक निति, न्यायका पालन करेगी
.
मैं पतितोद्धारिणी हूँ
.
तुम्हारे आनेकी प्रतीक्षामें
.
मैं यहाँ खडी हूँ

ताकि तुम अपने स्वरूपको पा सको
परोपकाराय पुण्याय
पापाय परपीडनम

। । सब मम प्रिय । सब मम उपजाये । ।