तू और मैं एकही
है ना रे गोविंदा
मैं ब्रह्म तू भी ब्रह्म
है ना रे गोविंदा
तुझसे जुदाई मैं
ना सहूँ गोविंदा
अब तो एकरस हम
हो जाएँ गोविंदा
किसलिये यह झूठा
द्वैत रे गोविंदा
नहीं मानता मैं
माया रे गोविंदा
वरना यह भक्ति भी
ना चाहूँ गोविंदा
मैं ही भगवान हूँ
सही है ना गोविंदा
तेरे बगैर और कुछ
क्या काम का गोविंदा
जिद यह मेरी मान ले
मेरा तू गोविंदा
ॐ
हम सब एक हैं
ॐ