रविवार, 25 दिसंबर 2011

मुराद



मेरे अल्लाह तआला
मेरा जहन साफ़ रहे
मेरी जुबान साफ़ रहे
मेरे हाथ साफ़ रहे
मेरी सोच गलत ना हो
मुझसे गलत बात ना हो
मुझसे गलत काम ना हो
तू जो भी दे मुझे
मैं उसमें खुश रहूँ
तू जिस हालातमें रखे
मैं सब्र के साथ रहूँ
ना ज्यादा कुछ पाना चाहूँ
ना कुछ छोड़ देना चाहूँ
तू जो भी चाहता है वो
काम मुझसे पुरे हो
इससे ज्यादा कुछ ना चाहूँ
इससे कम कुछ मैं ना चाहूँ
परवरदिगार मैं तेरे
खयालोंमें खोया रहूँ
ना सुखोंमें डूबा रहूँ
ना दुखोंकी चिंता करूँ
तेरा नाम जुबानपर
मेरी हमेशा रहे
और कुछ रहे चाहे
बाकी कुछ भी ना रहे
इज्जतकी परवाह ना रहे
ओहदेकी चिंता ना रहे
जान की फ़िक्र ना रहे
माल असबाब रहे ना रहे
एक मैं रहूँ खुदा
और तेरी याद रहे
*
यदक्षरमनाख्येयमानन्दमजमव्ययम्
श्रीमन्निवृत्तिनाथेती ख्यातम् दैवतमाश्रये

गुरुरित्याख्यया लोके साक्षाद्विद्याही शांकरी
जयत्याज्ञा नमस्तस्यै दयार्द्रायै निरंतरम्

सार्धं केन च कस्यार्धं शिवयो: समरुपिणो:
ज्ञातुं न शक्यते लग्नमिति द्वैतच्छलान्मुहु:

अद्वैतमात्मनस्तत्त्वम् दर्शयन्तौ मिथस्तराम्
तौ वन्दे जगतामाद्यौ तयोस्तत्त्वाभिपत्तये

मूलायाग्राय मध्याय मूलमध्याग्रमूर्तये
क्षीणाग्रमूलमध्याय नम: पूर्णाय शंभवे




मंगलवार, 13 दिसंबर 2011

गुलशन



साँई बुला रहा है सबको
पास जाओ गले मिलो
अब ना डरकर छुपकर बैठो
घरसे बाहर अब निकलो

ये दीवारें झूठी है यारों
इनसे बाहर सकते हो
हम सब बिलकुल एक है प्यारों
इक दुजेसे मिल सकते हो

ईश्वर तो हम सबमें बसा है
हमसे बिलकुल जुदा नहीं है
हम आपसमें घुलमिल जाएँ
हमसे कोई खफा नहीं है

गन्दगी भरे देह हमारे
क्रोध वासना मनमें हमारे
नित्यशुद्ध ईश्वरकी लीला
रोम रोम में राम हमारे

कौन है अपना कौन पराया
क्या है मैला गन्दगी कैसी
कण कणमें और बूँद बूँदमें
राम है प्यारा जगन्निवासी

नित्यशुद्ध शाश्वत ईश्वरका
सभी जगह है साक्षात्कार
विकारका जो बोध हटे तो
सबकुछ है ईश्वर अविकार

मनमें
कोई खौफ ना पालो
ईश्वर तो बस प्यार है यारों
नफरतसे अब तौबा कर लो
दर्द कि छुट्टी कर दो यारों

दिलोंके चमन ना उजड़ेंगे
अपना गुलशन एक है प्यारों
चाहतकी कलियाँ महकेगी
सुखदुख अपने एक है यारों

जब तुम उसको देख सकोगे
मैल मिटेगा मनका सारा
मिट जाएगा अहंकार भी
सबमें
राम दिखेगा प्यारा


सदसच्चाहम्
*
सत्य ईश्वर और आभासी जगभी

मैं ही हूँ



शनिवार, 1 अक्तूबर 2011

मेरे मौला



श्री सद्गुरु साईनाथाय नम:

जोडूनिया
कर चरणी ठेविला माथा
परिसावी विनंती माझी सद्गुरुनाथा

असो
नसो भाव आलो तूझिया ठाया
कृपादृष्टी पाहे मजकडे सद्गुरुराया

अखंडित
असावे ऐसे वाटते पायी
सांडूनी संकोच ठाव थोडासा देई

तुका
म्हणे देवा माझी वेडीवाकुडी
नामे भवपाश हाती आपुल्या तोडी

श्री सद्गुरु साईनाथाय नम:

*
मेरे मौला तेरे दरबारमें अब आया हूँ मैं
तेरा मुजरिम हूँ मैं अनाड़ी और गवाँर हूँ मैं

मेरे मौला तेरी चाहतका तलबगार हूँ मैं
तेरा दीदार ए नूर पाने चला आया हूँ मैं

मेरे मौला तेरा अहसान हो निगाहें करम
सब गरीबोंके दुखे दिलपे लगाए तू मरहम

मेरे मौला सिर्फ तुझसे करूँ इक इल्तिजा मैं
तेरा हो नाम जुबाँपर तेरा होकर रहूँ मैं


गुरुवार, 29 सितंबर 2011

सहारा



भाई
मेरी जिन्दगीका
तूही एक सहारा था
तेरे बगैर जिन्दगीमें
और कोई ना मेरा था

तू जो ऐसे बिफर गया
मैं तितर बितर हो गया
चाहकर भी समेट ना सकता
तूही तो बल मेरा था

घर संसारका मैं हूँ आसरा
और तू आसरा मेरा था
क्यों बिगड़ गया रामा मेरे
मैंने क्या तेरा बिगाड़ा था

अगर दया हो तुझमें बाकी
आके मुझे तू ले जा भाई
वरना ख़त्म हुवा समझूंगा
मेरा जो दाना पानी था

प्यार जहाँ नसीबमें नहीं
क्या जीना और क्या है कमाना
छोड़ दिया सब तुझपे मैंने
गुजरा हुवा कल तेरा था

आनेवाले कल की बातें
तूही सोच ले मेरे भाई
तूही रामा तूही सांई
क्षुद्र भक्त
मैं तेरा था

बुधवार, 28 सितंबर 2011

करिश्मा



मुझको जो खींचता है
तेरी ओर प्यारे भाई
अल्लाहका करिश्मा
है इश्क आसमानी

रिश्ता यह कौनसा है
मैं कह भी नहीं सकता
कुछ गहरी बात है यह
सागरसे कहे पानी

कितनी कहूँ मैं बातें
मेरी जुबाँ है फानी
नहीं ख़त्म होनेवाली
अल्लाहकी कहानी

वरना कहाँ किसीको
मिलता है वक्त इतना
मुड़कर भी कोई देखे
बड़ी मुझपे मेहेरबानी

करते है सब जो मुझपे
अहसान इतना ज्यादा
तुम सबपे
हो रहा है
कोई असर तिलिस्मानी


मंगलवार, 27 सितंबर 2011

प्यारे भाई





प्यारे भाई , होशमें आजा
मुझे तुझपे गुस्सा नहीं आता
ऐसी बात नहीं
मैं तुझे गन्दी बातें नहीं बोल पाता
ऐसी बात नहीं
लेकिन भाई , मैं तुझसे
सिर्फ प्यारही कर पाता हूँ
क्यों कि मुझे मालुम है
हम आपसमें लडके खाकमें मिल जायेंगे
और कुछभी हासिल नहीं होगा
और दुनिया हँसती रहेगी
यह जो लोग तेरी ताकत को ललकार रहे है
ताकि तू मुझपे बरस पड़े
वो मेरे साथ और मेरे बाद
तुझपे भी थूकेंगे
संभल जा भाई
मैं तेरे निचे झुक रहा हूँ
सिर्फ इसी बातके लिये
कि तेरी इज्जत पर कोई
कीचड़ ना उछाले
क्यों कि मैं मुझसे ज्यादा तुझसे प्यार करता हूँ
मैं तेरे पैरों के निचे तिनका बनकर
रौंदा जाना कुबूल करता हूँ
इसलिए नहीं कि मेरी कोई औकातही नहीं
बल्कि इसलिए कि तू अपने पाँव पर खडा रहे
प्यारे भाई घरमें चाहे तू कैसेभी पेश
लेकिन दुनिया के सामने मेरी तौहीन मत कर
तू माँग ले तो मैं क्या नहीं दे सकता
जो मेरा है
लेकिन तमाशबिनोंको इकठ्ठा करके
जो तू अपना जोश दिखा रहा है
उससे हम दोनोंके चेहरेपे कालिख लगेगी
भाई , मेरा प्यार तेरे दिल तक
क्यों नहीं पहुँच रहा है
किसी तरीकेसे मुझे इसका जवाब दे भाई
मेरे मीठे बोल तुझे गंवारा नहीं है क्या
भाई मेरे पास भाई
मुझसे बात कर भाई