शुक्रवार, 15 अप्रैल 2011

जानवर








भेड़, बकरी, गाय, बैल, भैंस आदि सामाजिक जानवर है [ जिनके दो नाख़ून, दो सिंग होते है और जिनका पेट चलते वक्त जमीं से दूर रहता है और जो इन्सानोंके सहारे और साथमें रहते है ]

उनका खानेके लिये क़त्ल मत करो, उनसे अत्यधिक श्रम मत करवाओ,
उनके साथ बेरहमीसे पेश मत आओ [उनका खून मत पीओ ]

वो
जानवर शांत होते है, शाकाहारी होते है, सामाजिक होते है ,घुलमिल कर रहते है, औरोंके काम आते है; उनका दूध पीओ, उनकी ऊन का कपड़ा बनाओ, उनसे खेतीबाडीके काम करवाओ, माल ढोनेकेलिये, गाड़ियां खींचने के लिये इस्तेमाल करो और उनके गुण ग्रहण करो [ उनको (उनके गुणोंको) खाओ ]

मेरा खुदका अनुभव है की पशु पक्षी तथा जीव जन्तुओंमें भी भगवान प्रगट होते हैं और मेरे साथ वार्तालाप करते हैं, मैं जब नामस्मरणमें मग्न रहता हूँ तब चींटियाँ, मछ्छर काटते नहीं, कुत्ते शांत होते हैं, पंछी रास्ता दिखाते हैं; ऐसी बहुतसी बातें हैं जिससे मुझे समझता है की यह भगवानजी उनमें प्रगट होकर लीला कर रहे हैं [पशु पक्षी तथा जीव जन्तुओंसे, सभीसे प्यार करो और प्यार पाओ ]

महावीर जयंतिकी हार्दिक बधाईयाँ

णमो अरिहंताणं
णमो सिद्धाणं
णमो आयरियाणं
णमो उवज्झायाणं
णमो लोए सव्व साहुणं
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अहिंसा परमोधर्म: