गुरुवार, 21 अप्रैल 2011

तू








यहाँ तूही तू है दिखे मुझे
मेरा टूटा सारा गरूर है

मेरे दिलकी तूही है आरजू
मेरे दिलका यह कसूर है

मेरे दिलकी तूही है हर ख़ुशी
मेरे दिलपे तेरा सरुर है

मुझे तुझसे कोई गिला नहीं
तेरा मुझपे
साया जरुर है

इसी वक्त तू चले ज़रा
मेरा दिल बहुत मजबूर है


तुझे
मिलने मैं हूँ खडा यहाँ
तेरे गम में दिल मेरा चूर है



खुश रहो बच्चों हमेशा
पासही मैं हूँ तुम्हारे
खुदको ना कमजोर समझो
राम तुम हो मेरे प्यारे


EASTER SUNDAY 24 APR. 2011 DEATH OF SHRI SATYA SAIBABA
*