रामा तेरे चरणोंकी
मैं धूल बनूँ यह दे वरदान
और नहीं कुछ मेरी कामना
तेरे पैरोंतले सम्मान
युगों युगोंतक पडा रहूँ मैं
चरणोंमें तेरे मेरा स्थान
तूही मेरा सद्भाग्य है रामा
मेरे ह्रदयमें तेरा ध्यान
रामा तूही मेरा जीवनधन
तुझपे न्योछावर मेरे प्राण
तुझसे पाऊँ खुशियाँ सारी
तू है मेरा आनंदनिधान
हे करुणार्णव दयामेघ तू
तू गंगाका स्त्रोत महान
पापविमोचक रामा मेरे
क्या मैं करूँ तेरा गुणगान
ॐ रामो हरि: ॐ