यूँ झगड़ते क्यूँ हो बच्चों
लड़ाई किसी कामकी नहीं
नाजुक है दिलके रिश्तें
जबरदस्ती ठीक नहीं
किसकी ओर जाऊँ मैं
सभी मेरे प्यारे है
बहुत कठिन वक्त है यह
टूट रहा दिल मेरा है
सबका हूँ किसको ठुकराऊँ
अपनाओ इक दुजेको
नफरतसे कुछ हर्ज करो
दर्द न दो मेरे दिलको
अकेला यूँ कबतक मैं रहूँ
दिलपे करो अहसान मेरे
खींचातानी बहुत हो चुकी
आओ गले मिलो मेरे