शनिवार, 28 जनवरी 2012

हाजी अली साब




महफूज हो बच्चे
मेरे

जान ली मेरी खुदा
रहम हो उनपर सदा
अल्लाह ख्वाहिश है मेरी

कुछ हो अगर उनकी खता
मैं पेश खुदको करता हूँ
मुझको मिले उनकी सजा
अल्लाह ख्वाहिश है मेरी

जानते नहीं वो कुछ
रहमो करम के दायरे
अहसान उनपर तेरे हो
अल्लाह ख्वाहिश है मेरी

माफ़ कर परवरदिगार
दरख्वास्त करता हूँ तुझे
खुशियाँ अमन तू दे उन्हें
अल्लाह ख्वाहिश है मेरी

तुही कुछ कर दे असर
उनसे ना कोई भूल हो
लायक हो सब बन्दे तेरे
अल्लाह ख्वाहिश है मेरी

भूल करके होश आए
यह जरुरी तो नहीं
वो संभल जाए वक्त पर
अल्लाह ख्वाहिश है मेरी

गलतियाँ करनेसे पहले
जगा दे उनको खुदा
तेरे हवाले जहन हो
अल्लाह ख्वाहिश है मेरी

*
हरि तत्सत्
*

बुधवार, 25 जनवरी 2012

पंछी


राग द्वेष का क्या है कारण
क्यूँ चिंता तू करता मनवा
अब है अगले पल नाही
यह ढाई हाथ की काया 

जो मिलता वह सच है 
और ना मिले वह झूठी माया

राम नाम की पूँजी कमाई
और कुछ तेरी गठरीमें नाही
राम नाम ही सरपे तेरे 
कल्पवृक्ष की छाया

जो मिलता वह सच है
और ना मिले वह झूठी माया

मोक्ष डाल पर तेरा बसेरा
 पंछी तू आना जाना नाही 
सुखदुख के फल नाही खाया 
राम नाम तू पाया 

 जो मिलता वह सच है 
और ना मिले वह झूठी माया

*
हरि ॐ तत्सत 
*


रविवार, 15 जनवरी 2012

रिश्ता


मेरे लाडले याद रख
 मेरे आँसु अनमोल है
रिश्ता टूट जानेपर
   ये मिलते नहीं कभी 
 

 तेरे नर्मदिल बर्तावका
जो तोहफा थे कभी
अपने गहरे रिश्तेका
जो इजहार थे कभी

इंसानमें खुदा दिखता है
तो ये उमड़ पड़ते है
बर्बरता और जुल्म के आगे
जो झुकते नहीं कभी

 तू नासमझ है प्यारे 
  कीमत ना समझा इनकी 
हँसी मजाक समझा तू
यूँ मैं रोता नहीं कभी

 तू रूहानी प्यार को
दिल्लगी समझा मेरी
हो सके तो ऐसी भूल
दुबारा ना करना कभी

बेटे गले लग जा मेरे 
  गिला शिकवा ना रहे कोई 
मुझ गरीबकी गलतीका
दिलपर बोझ ना ले कभी

 या अल्लाह परवरदिगार
हमेशा मेरे बच्चोंको
तमाम खुशियाँ नसीब हो
न दुखका साया पड़े कभी

वाकिफ हो तेरे रहमसे वो 
कहर न उनपर ढा कभी
पाऊं सजा मैं उनकी भी 
हो गलती गर उनसे कभी

 
*
ॐ रुद्राय नम:
*
तीळ गुळ घ्या आणि गोड बोला
*
मकर संक्रांतीच्या हार्दिक शुभेच्छा
*
हरि ॐ तत्सत् 
*
  

बुधवार, 11 जनवरी 2012

भूल


 श्रीपति भूल हो गयी मुझसे 
इज्जत पर तेरी आँच आयी
मैं तेरा अदनासा खिलौना 
तू मेरा स्वामी रघुराई  

मैं तो अक्सर गलती करता  
न रूठ मुझपे प्यारे सांई
तेरे सिवा मेरा नहीं कोई 
शरणमें तेरी ले मेरे भाई 

हदसे आगे गुजर रहा हूँ 
और रास्ता नहीं है कोई 
जबरन रिश्ता जोड़ रहा हूँ 
मनमें कुशंका कुछ नहीं आयी 

तू है सबका पालन करता 
किसीको तू ठुकराताही नहीं  
पाप मेरे भी धो ले भगवन 
मुझपे तुझे दया क्यूँ न आयी

अब तुझको नहीं मैं छोडूंगा 
मैंनेभी तेरी कसम है खायी 
लेकिन गुस्सा मत कर रामा 
क्यूँ मैं तुझको ना कहूँ भाई 

सांईराम 
ॐ 


पक्षिणी प्रभाते चारियासी जाये
पिलु वाट पाहे उपवासी 


तान्हे वत्स घरी बांधिले केशवा 
करितसे धावा माउलीचा 

तैसे माझे मन धरी वो तुझी आस 
चरण रात्रंदिवस चिंतितसे

नामा म्हणे देवा तू माझा सोयिरा 
झणी मज अव्हेरा अनाथनाथा