क्यूँ चिंता तू करता मनवा
अब है अगले पल नाही
यह ढाई हाथ की काया
जो मिलता वह सच है
और ना मिले वह झूठी माया
राम नाम की पूँजी कमाई
और कुछ तेरी गठरीमें नाही
राम नाम ही सरपे तेरे
कल्पवृक्ष की छाया
जो मिलता वह सच है
और ना मिले वह झूठी माया
मोक्ष डाल पर तेरा बसेरा
पंछी तू आना जाना नाही
सुखदुख के फल नाही खाया
राम नाम तू पाया
जो मिलता वह सच है
और ना मिले वह झूठी माया
सुखदुख के फल नाही खाया
राम नाम तू पाया
जो मिलता वह सच है
और ना मिले वह झूठी माया
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हरि ॐ तत्सत
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