शनिवार, 28 जनवरी 2012

हाजी अली साब




महफूज हो बच्चे
मेरे

जान ली मेरी खुदा
रहम हो उनपर सदा
अल्लाह ख्वाहिश है मेरी

कुछ हो अगर उनकी खता
मैं पेश खुदको करता हूँ
मुझको मिले उनकी सजा
अल्लाह ख्वाहिश है मेरी

जानते नहीं वो कुछ
रहमो करम के दायरे
अहसान उनपर तेरे हो
अल्लाह ख्वाहिश है मेरी

माफ़ कर परवरदिगार
दरख्वास्त करता हूँ तुझे
खुशियाँ अमन तू दे उन्हें
अल्लाह ख्वाहिश है मेरी

तुही कुछ कर दे असर
उनसे ना कोई भूल हो
लायक हो सब बन्दे तेरे
अल्लाह ख्वाहिश है मेरी

भूल करके होश आए
यह जरुरी तो नहीं
वो संभल जाए वक्त पर
अल्लाह ख्वाहिश है मेरी

गलतियाँ करनेसे पहले
जगा दे उनको खुदा
तेरे हवाले जहन हो
अल्लाह ख्वाहिश है मेरी

*
हरि तत्सत्
*