बुधवार, 11 जनवरी 2012

भूल


 श्रीपति भूल हो गयी मुझसे 
इज्जत पर तेरी आँच आयी
मैं तेरा अदनासा खिलौना 
तू मेरा स्वामी रघुराई  

मैं तो अक्सर गलती करता  
न रूठ मुझपे प्यारे सांई
तेरे सिवा मेरा नहीं कोई 
शरणमें तेरी ले मेरे भाई 

हदसे आगे गुजर रहा हूँ 
और रास्ता नहीं है कोई 
जबरन रिश्ता जोड़ रहा हूँ 
मनमें कुशंका कुछ नहीं आयी 

तू है सबका पालन करता 
किसीको तू ठुकराताही नहीं  
पाप मेरे भी धो ले भगवन 
मुझपे तुझे दया क्यूँ न आयी

अब तुझको नहीं मैं छोडूंगा 
मैंनेभी तेरी कसम है खायी 
लेकिन गुस्सा मत कर रामा 
क्यूँ मैं तुझको ना कहूँ भाई 

सांईराम 
ॐ 


पक्षिणी प्रभाते चारियासी जाये
पिलु वाट पाहे उपवासी 


तान्हे वत्स घरी बांधिले केशवा 
करितसे धावा माउलीचा 

तैसे माझे मन धरी वो तुझी आस 
चरण रात्रंदिवस चिंतितसे

नामा म्हणे देवा तू माझा सोयिरा 
झणी मज अव्हेरा अनाथनाथा