इज्जत पर तेरी आँच आयी
मैं तेरा अदनासा खिलौना
तू मेरा स्वामी रघुराई
मैं तो अक्सर गलती करता
न रूठ मुझपे प्यारे सांई
तेरे सिवा मेरा नहीं कोई
शरणमें तेरी ले मेरे भाई
हदसे आगे गुजर रहा हूँ
और रास्ता नहीं है कोई
जबरन रिश्ता जोड़ रहा हूँ
मनमें कुशंका कुछ नहीं आयी
तू है सबका पालन करता
किसीको तू ठुकराताही नहीं
पाप मेरे भी धो ले भगवन
मुझपे तुझे दया क्यूँ न आयी
अब तुझको नहीं मैं छोडूंगा
मैंनेभी तेरी कसम है खायी
लेकिन गुस्सा मत कर रामा
क्यूँ मैं तुझको ना कहूँ भाई
तान्हे वत्स घरी बांधिले केशवा
करितसे धावा माउलीचा
ॐ
ॐ
सांईराम
ॐ
पक्षिणी प्रभाते चारियासी जाये
पिलु वाट पाहे उपवासी
तान्हे वत्स घरी बांधिले केशवा
करितसे धावा माउलीचा
तैसे माझे मन धरी वो तुझी आस
चरण रात्रंदिवस चिंतितसे
नामा म्हणे देवा तू माझा सोयिरा
झणी मज अव्हेरा अनाथनाथा