शुक्रवार, 8 जून 2012

ईश्वर




 चर्चे तेरे रहमके
घर घर में गूँजते है 
तेरा नाम लेके अल्लाह 
तेरे बन्दे झूमते हैं 

जिंदगी है बहता दरिया 
अगला पल नया किनारा 
पग पग पर तेरा उजाला
अँधियारा ख़त्म हुवा है 

हम क्यूँ ना सरको झुकाएँ 
हर ओर नजर तू आता 
हर ओर तेराही नजारा 
हर ओर तुझे पाते हैं  

क्यूँ ख़त्म हो मिलन हमारा  
एक तू ही हमें मिलता है
एक तुझे छोडके खुदाया 
कुछ और ना हम पाते हैं 

तेरा नाम क्यूँ ना गाएँ 
सबकुछ तू ही हमारा 
तेरे सिवा ना कोई 
दाता हमें मिला है 

पलकें झुकी हमारी 
तुझे याद कर रहे हैं 
तू ही पास है हमारे
और दूर भी तू ही है 

 तू ही शिव है तू है अल्लाह 
सबमें रचा बसा है 
यह जो दूरियाँ है सारी
बस नामकी बनी है 

तुझे छोडके जहाँमें  
कुछ भी नहीं है रामा 
तू जिधर नहीं है ऐसी
कोई जगह नहीं है

ईश्वर तो एकही है 
हम भी जुदा नहीं हैं 
 नहीं गलतफहमी अब कुछ
हम सब तेरे हुवे हैं

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