चर्चे तेरे रहमके
घर घर में गूँजते है
तेरा नाम लेके अल्लाह
तेरे बन्दे झूमते हैं
जिंदगी है बहता दरिया
अगला पल नया किनारा
पग पग पर तेरा उजाला
अँधियारा ख़त्म हुवा है
हम क्यूँ ना सरको झुकाएँ
हर ओर नजर तू आता
हर ओर तेराही नजारा
हर ओर तुझे पाते हैं
क्यूँ ख़त्म हो मिलन हमारा
एक तू ही हमें मिलता है
एक तुझे छोडके खुदाया
एक तुझे छोडके खुदाया
कुछ और ना हम पाते हैं
तेरा नाम क्यूँ ना गाएँ
सबकुछ तू ही हमारा
तेरे सिवा ना कोई
दाता हमें मिला है
पलकें झुकी हमारी
तुझे याद कर रहे हैं
तू ही पास है हमारे
और दूर भी तू ही है
तू ही शिव है तू है अल्लाह
सबमें रचा बसा है
यह जो दूरियाँ है सारी
बस नामकी बनी है
तुझे छोडके जहाँमें
कुछ भी नहीं है रामा
तू जिधर नहीं है ऐसी
कोई जगह नहीं है
ईश्वर तो एकही है
कुछ भी नहीं है रामा
तू जिधर नहीं है ऐसी
कोई जगह नहीं है
ईश्वर तो एकही है
हम भी जुदा नहीं हैं
नहीं गलतफहमी अब कुछ
हम सब तेरे हुवे हैं
हम सब तेरे हुवे हैं
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