शुक्रवार, 27 अप्रैल 2012

जिंदगी



हजारों ख्वाहिशें ऐसी 
कि हर ख्वाहिशपे दम निकले 
बहुत निकले मेरे अरमां 
लेकिन फिर भी कम निकले 
*
फकीर हो जा मेरे दिल 
वक्तपर सँभल जाएगा 
न राजा बन न गुरु बन 
थोड़े में दिल भर जाएगा 

क्या लाया था क्या पायेगा 
क्या साथ लेकर जाएगा 
तू तो गलीका कुत्ता है 
जियेगा मर जाएगा 

यही ठोस कहानी है 
यहाँ सब कुछ फानी है 
अल्लाह का नाम लेता जा 
इज्जत बहुत कमायेगा

किसीसे दुश्मनी करेगा
तो बहुत पछतायेगा
सबसे दोस्ती करेगा
तो दोनों जहाँ पायेगा


 बेकार के चन्द लम्हे है 
अल्लाह का नाम लेना है 
जिंदगी का भरोसा नहीं 
सोच ले कैसे गुजारेगा 

  गाली गलौज ठीक नहीं 
अकड़ दिखाना जरुरी नहीं 
उम्र यूँ गवाँना नहीं 
अल्लाह का रहम पायेगा

  खुदकी कीमत समझेगा 
तो तेरा गुरुर जाएगा 
खुदाकी रहमत समझेगा 
दिल का करार पायेगा


अस्लमें ब्रह्मलीन
होनेके बावजूद भी
तू अपना किरदार
बखूबी निभाएगा

हम सब एक है
यही नारा गाये जा
दुजापन हमें साँई
 मात
कभीहीं देगा  
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ब्रह्मार्पणं ब्रह्म हविर्ब्रह्माग्नौ ब्रह्मणा हुतम् ।
   ब्रह्मैव तेन गन्तव्यं ब्रह्मकर्मसमाधिना ।।
 ॐ