रविवार, 26 सितंबर 2010

मैं बोल रहा हूँ







क्या तुम नहीं जानते
सारे बच्चे मेरे प्यारे है
चलाते हो मुकदमें कातिलों
जाहिल तुम अनाड़ी हो

राजपाटके लिए खून
पीते हो मेरे बच्चोंका
करते हो गुमराह उन्हें
तुम शैतानोंके गुलाम हो

सारी जगह यह मेरी है
और सारे बच्चे वारिस है
इनके लिये ही राम बना मैं
तुमही मेरे रावण हो

बार बार मैं इनके लिये ही
प्रेषित बनकर आया हूँ
इसा मुसा पैगम्बर हूँ
फिरभी झगड़ा लगाते हो

रूप मेरे आते जाते है
मैं तो हमेशा रहता हूँ
पैगम्बरके साथ मैं गुजरा
तुम क्यूँ ऐसा समझते हो

काम मेरा मैं छोड़ न दूँगा
सिखाउँगा मैं बच्चोंको
ग्यान उजागर होता रहेगा
तुम कालिखसे हारे हो

क्या हासिल करना चाहते हो
हवस तुम्हारी कितनी है
गुनहगार हो दुनियाके तुम
और शोहरत के मारे हो