तेरी याद आयी मौला
तेरा जिक्र मैं करूँ अब
तुझे देखने को तरसूँ
कर लूँ तेरी ज़ियारत
सबकुछ है तू खुदाया
देखूँ मैं सिर्फ तुझको
फेरूँ जिधर नजर मैं
तुझे देखने की हसरत
दुनिया नहीं है दिखती
बोझिल हुई हैं पलकें
तेरा करम है मालिक
ऊँची है तेरी अज़मत
समाधी हरिची समसुखेवीण |
न साधेल जाण द्वैतबुध्दी ||
बुध्दीचे वैभव अन्य नाही दुजे |
एका केशवराजे सकळ सिध्दी ||
हरि जय जय राम
राम कृष्ण हरि
ॐ नमः शिवाय
ॐ हरये परमात्मने नमः
अल्हम्दुलिल्लाह
हरि ॐ तत्सत्